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संघ-शाखाओं में मनाया गया स्वतंत्रता दिवस (26 जनवरी 1930)  नरेन्द्र सहगल  संघ संस्थापक डॉक्टर हेडगेवार तथा उनके अंतरंग सहयोगी अप्पाजी जोशी 1928 तक मध्य प्रांत कांग्रेस की प्रांतीय समिति के वरिष्ठ सदस्य के नाते सक्रिय रहे। कांग्रेस की इन बैठकों एवं कार्यक्रमों के आयोजन में डॉक्टर जी का पूरा साथ […]

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हजारों स्वयंसेवकों के साथ डॉक्टर हेडगेवार पुनः सश्रम कारावास में  नरेन्द्र सहगल  पूर्व में हुए असहयोग आंदोलन की विफलता से शिक्षा लेकर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने अब एक और देशव्यापि आंदोलन करने की योजना बनाई। महात्मा गांधी जी को इस नए, ‘सविनय अवज्ञा आंदोलन’ का नेतृत्व सौंप दिया गया। अतः […]

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वे पन्द्रह दिन *९ अगस्त, १९४७* –   प्रशांत पोळ  सोडेपुर आश्रम… कलकत्ता के उत्तर में स्थित यह आश्रम वैसे तो शहर के बाहर ही है. यानी कलकत्ता से लगभग आठ-नौ मील की दूरी पर. अत्यंत रमणीय, वृक्षों, पौधों-लताओं से भरापूरा यह सोडेपुर आश्रम, गांधीजी का अत्यधिक पसंदीदा है. जब पिछली […]

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परम वैभवशाली राष्ट्र के लिए संघ की स्थापना नरेन्द्र सहगल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, अनुशीलन समिति समेत कई क्रांतिकारी दलों, विभिन्न संस्थाओं, लगभग 30 छोटी बड़ी परिषदों/मंडलों, समाचार पत्रों, आंदोलनों, सत्याग्रहों और व्यायामशालाओं की गतिविधियों में सक्रिय भूमिका निभाने तथा एक वर्ष की सश्रम जेल यात्रा करने के पश्चात डॉक्टर हेडगेवार […]

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विदेशी/विधर्मी परतंत्रता के कारणों पर गहरा मंथन नरेन्द्र सहगल सन् 1922 में डॉक्टर हेडगेवार को मध्य प्रांत की कांग्रेस इकाई ने प्रांतीय सह मंत्री का पदभार सौंप दिया। डॉक्टर जी ने कांग्रेस के भीतर ही एक संगठित स्वयंसेवक दल बनाने का प्रयास किया था, परन्तु वह ‘फर्माबरदार’ वॉलिंटियर दल खड़ा […]

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6.8.1947 – பிரஷாந்த் போலெ புதன்கிழமை, ஆகஸ்டு 6ம் நாள் எப்பொழுதும் போல் காந்திஜி அதிகாலையில் எழுந்து விட்டார். வெளியில் ஒரே இருட்டு. வாஹா அகதிகள் தங்கும் இடத்திற்கு அருகே காந்திஜி தங்கும் இடமும் இருந்தது. வாஹா என்பது பெரிய நகரம் இல்லை. சிறிய கிராமம். அகதிகள் தங்கும் இடத்திற்கு அருகே உள்ளே மாளிகையில் தங்கியிருந்தார். அகதிகள் வந்து போய்க்கொண்டிருந்ததால் சுற்றிலும் துர்நாற்றம் வீசியது. அதற்கு நடுவில் காந்திஜி தனது பிரார்த்தனையை […]