M R Jambunaathan This Y2K generation cannot imagine that the then Attorney General, Niren De argued in the highest court of the land that ‘when emergency was proclaimed all fundamental rights under Article 19 of the constitution got suspended and hence Right to Life cannot be guaranteed’! Still more shocking […]

– प्रशांत पोळ २५ जून १९७५ की वह काली रात.. दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश में, लोकतंत्र का गला, बर्बरता के साथ घोटने का विषैला कार्य प्रारंभ हो चुका था… राष्ट्रपति फ़ख़रुद्दीन अली अहमद ने धारा ३५२ (१) के अंतर्गत देश में आतंरिक आपातकाल लागू किया… उन्हें तो, उस […]