Chennai – Sandesh (Hindi)

18
VSK TN
    
 
     

सेतु
समाचार भी संस्कार भी
चेन्नई, सेप्टेम्बर १०, २०१२

ईसाई प्रचार करनेवाला सरकारी अफसर पर टूट पड़े हिन्दू अधिकारी 
उमाशंकर अई ए एस – यह है तमिलनाडु राज्य के एक सरकारी अधिकारी. अनुशासनिक कार्रवाही विभाग के कमिश्नर है. कुछ दिन पहले यह कन्याकुमरी जिले में ईसाई धर्मं प्रचार की है. पहले से इन पर आरोप है कि यह आरक्षण द्वारा अनुसूचित जाती को मिलने वाला लाभ उठाने के लिए फर्जी प्रमाण पत्र देकर नौकरी पाया है. सरकारी अधिकारी के धर्मं प्रचार के विरुद्ध आम जनता मे रोष उत्पन्न हुआ और प्रदर्शन मे भा ज प् के राज्य अध्यक्ष पोन राधाकृष्णन समेत 400 के अधिक लोग गिरफ्तारी दी है. लेखिन उमाशंकर का कहना है कि वह दलित समुदाय के है और अपने को धर्मं स्वतन्त्रता है. इस बीच राष्ट्रीय विचारों का तमिल साप्ताहिक ‘विजय भारतं’ उमाशंकर के कृत्यों पर तीन सेवा निवृत अई ऐ एस अधिकारीयो से टिप्पणी माँगा. श्रीमती चंद्रलेखा अई ऐ एस (से. नि) का कहने है कि यदि एक प्रशासनिक अधिकारी किसी एक धर्मं के प्रचार पर लग जाता है तो अन्य म तावलम्बी उस अधिकारी के पास किसी काम पर व्यवहार करना मुश्किल हो जाता है; प्रशासनिक नियम भी उमाशंकर के कार्यो के विरुद्ध है. श्री एन मुरुगन अई ऐ एस (से. नि) का कहना है कि अधिकारी लोग ऐसे प्रचार कार्य में इसलिए लग जाते है क्योकि शासन द्वारा इन पर कठोर कार्रवाई नहीं होता. श्री वि सुन्दरम अई ऐ एस (से. नि) उमाशंकर को सलाह दी है कि यदि वे पूर्ण रूपेण ईसाई प्रचार में लग जाना चाहते है तो सरकारी नौकरी से इस्तीफा देकर चले जाये. उनका यह भी कहना है कि किसी एक धार्मिक या भाषाई या राजनैतिक गुट के सात ताल्लुक रखने के विरुद्ध प्रशासनिक नियम होते है. ईसाई प्रचार करनेवाला उमाशंकर को सरकार बर्खास्त करे यह मांग भी उन्होंने रखी. 
१२३ हिन्दू सज्जन निर्दोष साबित 
सन 2007 में सेलम जिले में तम्मंपट्टी गाँव में सार्वजनिक गणेश मूर्ति पूजा के विरुद्ध वहा के मुसलमान आपत्ति उठाई. इसके विरुद्ध हिन्दुओं के प्रदर्शन हुआ. १२३ हिन्दुओं पर मुक़दमा चली. इस साल गणेश उत्सव नजदीक आते आते न्यायलय के निर्णय आगया कि हिन्दुओं के ऊपर हिन्दुओं पर लगाये गए आरोप साभित नहीं हुआ और इसलिए केस डिसमिस की जाता है. 
एक सारगर्भित प्रवचन जिस से सामजिक कार्यकर्ता लाभान्वित हुए 
चिकागो में १८९३ के सर्वधर्म संसद इसलिए आयोजित किया गया ताकि अमेरिका के औद्योगिक प्रगति को प्रदर्शित कर सके. उस साल को कोलंबस का अमेरिका आविष्कार का ४०० वां साल ऐसा माना गया. उल्लेखनीय है कि उसके १२०० साल पहले श्रीचंद नाम के भारतीय ३० लोगों को लेकर चीन गए और वहां से अमेरिका पहुंचे. बाद में चीन लौटे. प्राचीन भारतीयों का सामुद्रिक ताकत उतना था. गत सप्ताह संघ के बुजुर्ग प्रचारक श्री के.सूर्यनारायण राव के तीन दिवसीय ‘स्वामी विवेकानंद’ के ऊपर व्याख्यान माला के दौरान ऐसे कई प्रेरणा दायक घटनाये सुनने को मिले. इस में ७०० से अधिक लोग जिन में कई सामजिक संसथाओं के कार्यकर्ता भी शामिल थे, लाभान्वित हो गए. स्वामीजी के १५० वां जन्म दिन साल के अवसर पर यह कार्यक्रम आयोजित हुआ.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

‘A Man among men...’ -- Remembering Swami Vivekananda on his 150th birth anniversary

Sun Sep 23 , 2012
VSK TN      Tweet       ‘A Man among men…’ — Swami Vivekananda 120 years on, Swami Vivekananda’s fiery speech at the Parliament of Religions is still fresh in memory.This month marks the 120th anniversary of Swami Vivekananda’s participation in the Parliament of Religions at Chicago. It is appropriate to celebrate this great […]

You May Like