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चेन्नई, जून १, २०१२
चेस:आनंद हुआ कि ‘विश्व नाथ’ बन गए एक भारतीय ने
तमिलनाडु में जन्मे चेस खिलाड़ी विश्वनाथन आनंद गत सप्ताह विश्व चेम्पियन बन गए लगातार पांचवां बार. इस्रेल के बोरिस जेल बांड को हरा कर आनंद से चेम्पिंशिप छीनने कि सबी प्रयासों को वह विफल कर दिया. इसा अंतिम खेल को इस्रेल में एक बड़ा स्क्रीन पर देख रहे इस्रेल के नेता नेतन्याहू हतप्रभ होगये. इतना बड़ा कीर्तिमान कर दिखानेके बाद भी आनंद के चेहरे में वह उत्तम शान्त्शीलता बनी रही. उनकी नम्रता देखने लायक थी. विश्व को भारत का देन है यह दिमाग के खेल.
मीडिया में बदलाव लाने की कोशिश में…
दो दर्ज़न से ज्यादा तमिलनाडू के सुविख्यात पत्रकार तथा टी वी चैनल कर्मी तमिल भाषा की राष्ट्रीय साप्ताहिक ‘विजयभारतम’ द्वारा आयोजित पांच दिन का जर्नालिसम वर्ग में अपने अपने विषय पर क्लास ली. मई के अंतिम सप्ताह में लगे इस वर्ग में कई जिलोंसे १० महिला सहित ५० सहभागी आये थे. प्रशिक्षकों में से उल्लेखनीय हैं, ‘कुमुदम ज्योतिषम’ के सम्पादक ए एम् राजगोपालन, श्री रामकृष्ण विजयं के सम्पादक स्वामी विमूर्तानंद, ‘पुतिय तलैमुरई’ के सम्पादक मालन और कई. सुप्रसिद्ध स्तंभकार एस गुरुमूर्ती का भी मार्गदर्शन सहभागियों को प्राप्त हुआ. ‘विजयभारातम’ के सम्पादक म वीरबाहू के नेतृत्व में कार्यकर्ता गण वर्ग निर्वहन किया.
प्राचीन हिंदुत्व सबूत शिलालेख के रूप में
कड़म्बूर गाँव में जो चेन्नई के पास है एक शिवालय है. वह ५०० साल पुराना मंदिर है. उस में हाल ही में एक शिलालेख देखा गया जो कई विशेष तथ्यों से भरपूर है. उनमें से एक ऐसा है: “जिस व्यक्ती हिन्दू धर्म को अहितं (हानी) पहूँचाता है उस के ऊपर गंगा किनारे गौ को मारने से आनेवाला पाप पड़ता है.” मंदिर विजय नगर साम्राज्य कालीन बताया जाता है.