Thousands of Nationalists raised their voice in protest at Kerala Bhavan, New Delhi against the ongoing murders of RSS Swayamsevaks by Communists in Kerala on Tuesday morning.
RSS Sah Sarkaryavah Shri Dattatreya Hosabale, RSS Akhila Bharatiya Sah Prachar Pramuk Shri J Nandakumar, Writer Advaita Kala, Veteran actor Mukesh Khanna and others addressed the protest gathering. Later, a team led by Shri Dattatreya Hosabale, Shri J Nandakumar, BJP MP Meenakshi Lekhi submitted a memorandum to Shri Hansaraj Ahir, MoS, Ministry of Home Affairs at his office.
संघ के अखिल भारतीय सह-सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले जी ने जंतर-मंतर पर केंद्र सरकार से मांग करते हुए कहा कि केरल की राज्य सरकार को बर्खास्त कर वहां राष्ट्रपति शासन लगाया जाए. ये मांग हिंदुस्तान की जनता भी हरेक माध्यम से केंद्र सरकार से करे कि केरल सरकार को बर्खास्त किया जाए. क्योंकि केरल की राज्य सरकार के संरक्षण में सीपीएम के नरसंहारी कार्यकर्ता आए दिन निर्मम तरीके से इंसानियत का गला घोंट रहे हैं. उक्त बातें जनाधिकार समिति द्वारा किये जा रहे विशाल धरना-प्रदर्शन के दौरान कही. जंतर-मंतर पर विशाल धरना-प्रदर्शन केरल में राज्य सरकार की सरपरस्ती में माकपा के नरसंहारी कार्यकर्ताओं द्वारा संघ एवं बीजेपी के खिलाफ हो रहे खूनी हिंसा के विरोध में आयोजित किया गया था.
उन्होंने संघ और बीजेपी के कार्यकर्ताओं के खिलाफ केरल में हो रहे राजनीतक हिंसा पर सख्त रूप अपनाते हुए चेतावनी दी कि अगर केरल सरकार अभी भी उचित कार्यवाही नहीं करती है तो इसका परिणाम भुगतने के लिए उसे तैयार रहना चाहिए.
आगे कहा कि वामपंथियों का आधार कठोर नफरत है. इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है कि वो माताओं-बहनों और मासूम बच्चों तक को नहीं छोड़ते हैं. लेकिन, अब ऐसा नहीं चलेगा. अगर, अब मार्क्सवादी कार्यकर्ताओं द्वारा एक भी हमारे कार्यकर्ताओं का खून बहाया गया तो उन्हें कुरुक्षेत्र के मैदान में घसीट के लाकर पांच हजार साल पुराने कौरवों का इतिहास दोहराया दिया जायेगा.
मानवाधिकार आयोग, सुप्रीम कोर्ट, एससी-एसटी आयोग से प्रश्न पूछते हुए कहा कि केरल में मारे जा रहे अधिकतर नागरिक दलित है तो वो स्वतः संज्ञान क्यों नहीं ले रहे हैं? वापंथियों द्वारा किये जा रहे और कितनी हत्याओं के बाद इनकी आखें खुलेगी?
केरल के लोगों के मानवाधिकारों की हत्या अब नहीं होने देंगे. आज का यह विरोध-प्रदर्शन संघ और स्वयंसेवकों का नहीं है, ये देश के बुद्धिजीवियों की हुंकार है केरल की नरसंहारी वामपंथी सरकार और मुख्यमंत्री पी. विजयन के खिलाफ.
संघ के अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख जे. नंदकुमार ने कहा कि आज भगवान की धरती कही जाने वाली केरल की धरती को कम्युनिस्ट गुंडों ने कसाईखाना बना रखा है. उन्होंने आगे बताया पिछले कुछ वर्षों में केरल के अंदर 270 संघ और बीजेपी के कार्यकर्ताओं की मार्क्सवादी आतंकवादियों ने निर्मम हत्या की है. मार्क्सवादी नरसंहारियों ने महिलाओं और बच्चों तक को भी नहीं छोड़ा है.
आगे कहा कि केरल के मुख्यमंत्री तीन दिन के लिए दिल्ली आए हुए थे. हम आज उन्हें केरल में हुई हिंसा के खिलाफ ज्ञापन देने वाले थे. लेकिन, केरल का हत्यारा मुख्यमंत्री कल ही दिल्ली से भाग गए. पी. विजयन संवाद नहीं करना चाहते हैं. विजयन हत्यारा हैं क्योंकि लगभग 50 साल पहले 1968 में उन्होंने रामकृष्णन नामक स्वयंसेवक की हत्या की थी. जो पहली हत्या थी. वो गुंडा हैं और कुछ नहीं हैं.
आरोप लगते हुए कहा कि केरल सरकार लोकतंत्र और मानवता विरोधी सरकार है. इसलिए मैं भी केंद्र सरकार से मांग करता हूं कि केरल सरकार को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लगाये.
मैं आप सभी को बता दूं कि पिछले साल जनवरी से लेकर आजतक जो हत्याएं वो 28 दिसंबर, 2016- 19 दिसंबर, 2016- 12 अक्टूबर, 2016- 7 अक्टूबर, 2016- 3 सितम्बर, 2016- 11 जुलाई, 2016- 22 मई, 2016, फरवरी, 2016 में हुई हैं.
बीजेपी के अखिल भारतीय सचिव अनिल जैन जी ने कहा कि अगर ऐसे ही वामपंथियों द्वारा लगातार हिंसा जारी रही तो देश के कोने-कोने से ढूंढ-ढूंढकर कम्युनिस्टों का भी वही हाल किया जायेगा. हम ईट से ईट बजाकर कर रख देंगे और अब जवाब पत्थर से दिया जायेगा. हमारी सहनशीलता को मार्क्सवादी कमजोरी न समझे.
बीजेपी दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि संतोष की हत्या जिस प्रकार से उनके द्वारा की गई है वो मैं बता भी नहीं सकता. वो मारने के बाद मृत शरीर को क्षत-विक्षत करके तरह-तरह के यातनाएं देते हैं. यही बताने के लिए काफी है वो कितने क्रूर नरसंहारी हैं.
वो शायद भूल गए हैं कि भगवान विष्णु ने दुराचारियों के संहार के लिए चक्र को धारण किया था. मुझे लगता है लाल सलाम को उसकी जरुरत पड़ गई है.
बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी ने कहा कि वामपंथी दलितों, महिलाओं के हक बात करते हैं. क्या यही उनके द्वारा दिया जा रहा हक है? अब तो अवार्ड वापसी गैंग द्वारा दलितों के हो रहे इन निर्मम हत्याओं पर संवेदनाएं फूट ही नहीं रही है? आप सबको जानकार हैरानी होगी कि केरल राज्य में दलितों द्वारा 2016 में वामपंथियों की हिंसा के खिलाफ 400 एफआईआर दर्ज कराये गए हैं. केरल की जनता आतंक के साए में जन्दगी जीने को मजबूर है. क्योंकि राज्य की सरकार एक आतंकवादी विचारधारा समर्थित सरकार है.
राष्ट्रीय उलेमा फाउंडेशन के अध्यक्ष मौलाना मुर्तजा ने कहा कि केरल के नरसंहारी सरकार को केंद्र सरकार जितनी जल्दी हो सके बर्खास्त करे और राष्ट्रपति शासन लगाये.
केरल में राज्य सरकार की सरपरस्ती में माकपा के नरसंहारी कार्यकर्ताओं द्वारा संघ एवं बीजेपी के खिलाफ हो रहे खूनी हिंसा के विरोध में जनाधिकार समिति द्वारा दिल्ली के जंतर-मंतर पर विशाल धरना-प्रदर्शन के दौरान लगभग पांच हजार लोगों आए हुए थे. इस दौरान दिल्ली प्रान्त के संघचालक श्री कुलभूषण आहूजा, विहिप के राष्ट्रीय मंत्री सुरेन्द्र जैन, विद्यार्थी परिषद् के अखिल भारतीय संगठन मंत्री श्रीनिवास, सुप्रसिद्ध नृत्यांगना सोनल मानसिंह, मशहूर कवि गजेन्द्र सोलंकी, स्क्रिप्ट राइटर अद्वैत काला, मशहूर टीवी व् फिल्म कलाकार मुकेश खन्ना, रिटायर्ड आईएसएस अधिकारी एस.पी. राय, ध्रुव कटोच इत्यादी लोगों ने भी अपनी नाराजगी जाहिर की.