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चेन्नई संदॆश
१२-४-२०१३
१२-४-२०१३
मन्दिर का जमीन चर्च के हाथ; हिन्दुओं का आन्दोलन
सुर्खियॊं में है वही ईरोड शहर का १५ एकड मन्दिर जमीन जिसे चर्च आफ़ सउत इण्डिया ने अंग्रेज़ी जमाने में गैर कानूनी ढंग से अपने अधीन कर लिया है. शहर के केन्द्र स्थान में स्थित के पेरिय मारियम्मन् मन्दिर का उस जमीन को पुन: लेने के लिये हिन्दुओं का आन्दोलन तीन साल से चल रहा है. अभी ऐप्रिल ४ को ७०० हिन्दु महिला मन्दिर कॆ सामने रास्ते पर पोंगल पका कर सत्याग्रह की और गिरफ़्तार हुईं. इस के पहलॆ शहर में फ़रवरी १५ को हिन्दु महिलाओं का जुलूस निकला जिस में ३,००० से अधिक श्रद्धालु हाथ में दीप लियॆ चले. २०१० में मई २८ को मन्दिर आन्दोलन ने बन्द का आह्वान की. बन्द सफ़ल रहा.
ग्राहक की आवाज़ सार्थक रूप से सरकार तक पहूंचायी
तमिलनाडु का ग्राहक पंचायत ने
हर एक परिवार के कमाऊ लोगों को रविवार एक ऐस दिन है जब उनको रैषन् दूकान सॆ सामान लाने पुरुसत मिलता है. इसलिये रविवार को रैषन दूकान खुला रखो – इस मांग को लेकर ग्राहक पंचायत की तमिलनाडु इकाई ने एक साल से मंत्री के स्थर पर समझा भुजा कर याचिका देकर ग्राहक की इस बात को सरकार तक पहूंचाई. मांग तर्क संगत होने के कारण राज्य सरकार भी उसको मानना पडा. ऐपिल ४ को राज्य विधान सभा में खाद्य विभाग कॆ मंत्री आर. कामराज ने हर महीने प्रथम तथा द्वितीय रविवार को राज्य में सबी रैषन दूकान खुलॆ रहेंगे इस आश्य का बयान सुनायी.
कम्यूनिस्टों की साजिश को विपल करें: हिन्दु मुन्नणी
राज्य के हिन्दु मन्दिरों के मकान और भू संपत्ती से मिलने वाले आय को ठीक ठीक इकट्टा करॊ इस मांग जोर पकड रहा है. इस बीच कम्यूनिस्ट पार्टि आफ़ इण्डिया का राज्य इकाई के सचिव ता. पाण्डियन् के नेतृत्व में एक टीम् ने मुख्य मंत्री जे. जयललिता से मिली और मन्दिर की संपत्ती जिन के हाथ है उनके नाम पट्टा बनाकर बांटें यह मांग रखी. इसकी कडी विरोध करते हुए हिन्दु मुन्नणी के संस्थापक राम गोपलन ने कहा: “सारी मन्दिर संपत्ती सदियों पहले श्रद्धावान व्यक्तियों द्वारा मन्दिर में पूजा पाठ नियमित चलॆ इस उद्धेश्य से समर्पित की गयी थीं. इसलिये उसे बेचने का किसी को अधिकार नहीं है. कम्यूनिस्टों की इस षड्यंत्रपूर्ण मांग को मुख्य मंत्री तिरसकार करें”. राम गोपालन का यह भी कहना है कि चर्च या वक्फ़ बोर्ड की संपत्ती के बारे में एक शब्द न बोलने वालॆ कम्यूनिस्ट लोग डरपोक हैं और वे अपनी पार्टी के करोडों की जायदाद को वितरित करें तो अच्छा होगा.