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चेन्नई, आगुस्ट २९
सब को संस्कृत सीखना है : सुप्रसिद्ध तमिल वक्ता
‘’सब को संस्कृत सीखना चाहिए. कम से कम भगवद्गीता सीखना.” यह उद्गार था श्री सालमम पाप्पैय्या का जो राज्य के सुप्रसिद्ध साहित्यकार तथा वक्ता है. उनका कहना था तमिल – संस्कृत दोनों उच्च कोटि की भाषाए है और इसलिए संस्कृत सीखना तमिल भाषा की सेवा है. संस्कृत भारती द्वारा औगस्त १८, १९, २० को चेन्नई में आयोजित संस्क्रुतोत्सव में पाप्पैय्या इन बाते कही. सरल संस्कृत में एक पुस्तक का लोकार्पण भी हुआ जो स्वामी विवेकानंद द्वारा बताई गयी कहानियों का संकलन है. उल्लेखनीय है कि १५० वां स्वामी विवेकानंद जयंती के उपलक्ष्य में यह पुस्तक का विमोचन हुआ. संस्क्रुतोत्सव में प्रथम दिन था बाल कलोत्सव का. इस में शहर के ३,५०० स्कूली बच्चे भाग लिए और भाषण, नृत्य, नाटक, गण गीत (सब संस्कृत में ) में अपनी क्षमता को प्रदर्शित किया. दूसरा दिन था समाजोत्सव का, जब संस्कृत कवि सम्मेलन का कार्यक्रम रखा गया. इसके अतिरिक्त संस्कृत और तमिल भाषा की परस्पर पूरक क्षमता पर एक विवाद मंच कार्यक्रम का आयोजन हुआ. तीसरा दिन पर युवोत्सव था जब महाविद्यालयीन छात्रों के लिए कई स्पर्दाये संस्कृत भाषा में रखी गयी. पूजनीय पेजावर मठादीश श्री विश्वेश तीर्थ , चेन्नई रामकृष्ण मठ के स्वामी आत्मगनानंद, चमू कृष्ण सस्त्री, चेन्नई उच्च न्यायालय के पदासीन न्यायमूर्ती रामसुब्रमणियम, डी जी वैष्णव महाविद्यालय चेन्नई के प्रिंसिपल डॉ. एस नरसिम्हन, चेन्नई संस्कृत महाविद्यालय के प्रिंसिपल डॉ. देवी प्रसाद, चेन्नई दूरदर्शन केंद्र की श्रीमती विजयलक्ष्मी, संस्कृत भारती के अखिल भारतीय संघटन मंत्री श्री दिनेश कामथ समेत कई सज्जन संस्क्रुतोत्सव में शामिल हुए. संस्क्रुतोत्सव का आयोजन वैष्णव महाविद्यालय चेन्नई तथा संस्कृत भारती का संयुक्त प्रयास से हुआ. संस्कृत भारती के तमिलनाडु प्रांत मंत्री डॉ. र. रामचंद्रन और डी जी वैष्णव महाविद्यालय सचिव श्री पि हरिदास कार्यक्रम के संयोजक थे. तमिलनाडु संस्कृत भारती के संघटन मंत्री श्रीराम के नेतृत्व में कार्यकर्ता गण सारी व्यवस्था संभाली.
पैप लाइन में बयो गैस – एक अनोका सुजाव
“राज्य में एक लाख से अधिक गाय होते है. उन से लाभ उठाके जगह जगह पर बयो गैस उत्पादन केंद्र लगाईये. उन सभी केन्द्रों को पैप लाइन द्वारा जोडिये’’. यह था हिन्दू मुन्नणि का सुजाव. तमिलनाडु राज्य सरकार को. हिन्दू मुन्नणि के श्री राम गोपालन एक वक्तव्य में राज्य सरकार का ‘गरीबों को मुक्त गाय विथारण योजना’ को सराहा है. गाय के बिना गाय आधारित कृषि, गाय आधारित सफ़ेद क्रांति और गाय आधारित औषद उत्पादन — ये सब नहीं हो सकते है. इसलिए हज़ारो गाय काटने के लिए केरल बेजा जा रहा है, तमिलनाडु सरकार उसको तुरंत बंद करे, ऐसा मांग की है श्री राम गोपालन ने.
एक डॉ. जो मातृभूमि को न भूल सके
गत सप्ताह तमिलनाडु राज्य के राज्यपाल श्री रोसैया ने श्री रामचंद्र मेडिकल विश्व विद्यालय के प्रो-चांसलर डॉ. टी के पार्थसारथी को सार्थक जीवन पुरस्कार’ से विभूषित किया. यह पुरस्कार चेन्नई के डॉ. एम् जी आर मेडिकल युनिवेर्सिटी द्वारा दिया गया है. पार्थसारथी जब १२ वर्ष के थे आर एस एस में शामिल हुए. उनके बड़े भाई श्री रंगनाथन प्रचारक थे और इसलिए श्री गुरूजी से लेकर कई संघ के ज्येष्ट अधिकारियो का उनके घर आना हुआ करता था. इसके कारण संघ के लक्ष्य याने समाज सेवा द्वारा राष्ट्र उन्नती, पार्थसारथी के जीवन में समावेश हुआ. यद्यपि पार्थसारथी २० साल थक अमेरिका में डाक्टरी की तदापि वे भारत में युवा सर्जनो को तैयार करने के लिए मातृभूमि लौटे और रामचंद्र मेडिकल विश्व विद्यालय में प्रोफेस्सर बने. अपनी क्षमता के कारण जल्दी ही यूनिवर्सिटी के सारे जिन्मेदारी उनके हाथ सौंपा गया. पार्थसारथी ५ साल तक उसके वाईस चांसलर थे बाद भी प्रो चांसलर के रूप में उनके मार्ग दर्शन लगातार यूनिवर्सिटी को प्राप्त हो रहा है.