प्रैस विज्ञप्ति
डा जैन ने बताया कि अमरनाथ श्राइन बोर्ड के दायित्व और अधिकारों का निर्णय अमरनाथ श्राइन बोर्ड एक्ट ,मुखर्जी कमीशन की रिपोर्ट और २००५ में जस्टिस कोहली का निर्णय ही करते है | इन सबके अनुसार उस कठिन परिस्थिति में यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा के लिए वहा पर अस्पताल बनाने चाहिए, मार्ग चौड़े होने चाहिए, मौसम खराब होने पर उपयोग होने वाले यात्री निवास होने चाहिए | परन्तु दुर्भाग्य से इन सब कामो में अपनी नाकामी को छुपाने के लिए वे हर बार वे काम करते है जिनको करने का अधिकार उनको नहीं है | वे अवधि के साथ बार बार छेड़खानी करके एक अनिश्चितता का वातावरण निर्माण करना चाहते है जिससे यात्री परेशान हो जाए और यात्रा बंद करके घाटी में हिन्दू के जाने पर पूर्ण प्रतिबन्ध के अलगाववादी एजेंडे को पूरा किया जा सके | वे पुराने और अलग अलग समय पर बनाए गए चित्र दिखाकर शिवभक्तो को धोखा देना चाहते है | बाबा के मार्ग में बर्फ नहीं होगी तो क्या जालंधर और चंडीगढ़ के बाजारों में होगी ? बर्फ हमेशा होती है इसीलिए उसे बर्फानी बाबा कहा जाता है | अप्रेल माह में पंजाब के कुछ युवक वहा दर्शन कर चुके है | उस समय के चित्र अखबारों में छप चुके है | टी वी चैनल दिखा चुके है | अब वे कहते है के मार्ग ठीक नहीं है | क्या इतने दिनों में वे मार्ग को ठीक करने की जगह बंद करने का काम करते रहे है ? उनके नापाक इरादों का भंड़ा फोड़ उसी समय हो गया था जब पूज्य ज्ञानानद जी महाराज ने कहा था कि बोर्ड तो अक्तूबर में ही २५ जून तय कर चुका था , सदस्यों से तो केवल धोखे या दबाव से हस्ताक्षर कराये गए और ज्ञानानद जी इस धोखे में नहीं आये | अब वे बार बार बर्फ दिखाकर पूरे देश के साथ धोखा करना चाहते है जिसको शिवभक्त सहन नहीं कर सकते |
अब कथित उपसमिति के अध्यक्ष रविशंकर जी से बयान दिलवाकर वे फिर भ्रम फैलाना चाहते है | इन्होने ही श्रीनगर में जाकर विहिप के उपाध्यक्ष को कहा था कि कुछ मुसलमानों से कहालावादों , मै दो महीने की कर दूगा| इन्होने ही मुझे कहाथा कि बोर्ड के पदाधिकारियों ने कहा है कि अगर अवधि दो महीने कर दी तो अलगाववादी नाराज हो जायेगे और २००८ दोहरा दिया जाएगा | क्या वे हुर्रियत का प्रमाण पत्र लेकर नोबल शान्ति पुरस्कार प्राप्त करना चाहते ? उन्होंने जो करना था कर दिया | अब वे इसमे उलझ कर अपने हाथ और न जलाए | २००८ में उनकी भूमिका को जम्मू के लोग अभी तक नहीं भूले है | उन्हें हुर्रियत की नाराजगी की चिंता है ,क्या हिन्दू समाज की नाराजगी का उनके जीवन में कोई स्थान नहीं है ? क्या हिन्दू यात्रा के मामले भी हुर्रियत तय करेगी ?
विश्व हिन्दू परिषद् के प्रवक्ता ने बताया कि ३ जून से ही जम्मू में पूरे देश से हजारो शिवभक्त उपस्थित थे जो ज्येष्ठ पूर्णिमा पर बाबा के दर्शन करना चाहते थे | उनको जबरन रोका गया | वहा रास्ता साफ़ करने करने के लिए गूजर भाई जाना चाहते थे ,उनको भी नहीं जाने दिया गया | जब बजरंग दल के १५० कार्यकर्ताओं ने वहा की सही स्थिति जानने के लिए जाने की कोशिश की तो उनको गिरफ्तार किया गया | इसका साफ़ मतलब है कि वे वहा की स्थिति को छुपाना चाहते है | जम्मू में एकत्रित हजारो शिवभक्तो को भी गिरफ्तार किया गया | अब उन्हें ज्येष्ठ पूर्णिमा को ही पूजन करना पड़ा चाहे वह अधूरा ही था | इसका मतलब है कि कि अब ज्येष्ठ पूर्णिमा स्थापित हो चुकी है, वे इससे पीछे नहीं हट सकते | उन्हें देश का क्रोध भी दिखाई दे गया है | परन्तु वर्त्तमान राज्यपाल और यह हिन्दू विरोधी बोर्ड इस यात्रा के विकास के लिए नहीं उसके विनाश के लिए काम कर रहा है | इसलिए अब विश्व हिन्दू परिषद् जम्मू कश्मीर का यह प्रतिनिधि मंडल दिल्ली जाकर महामहिम राष्ट्रपति , प्रधानमंत्री व गृह मंत्री से मुलाक़ात कर इस राज्यपाल और सम्पूर्ण बोर्ड को बदलने की माग करेगा |
इनको बदलने के अलावा हम ऐसी व्यवस्थाए बनाने की माग करेगे जिससे भविष्य में फिर कोई राज्यपाल इस यात्रा के साथ खिलवाड़ न कर सके | हमारी मांगे है :
१. वर्त्तमान राज्यपाल को अविलम्ब हटाकर एक शिवभक्त और देशभक्त राज्यपाल को वहा नियुक्त किया जाए |
२.बोर्ड का वर्मान चरित्र हिन्दू विरोधी और शिव विरोधी है | इनको बदलकर शिवभक्तो का ही बोर्ड बनाया जाए |
३.बाबा अमरनाथ के दर्शन के लिए जाने वाले सभी मार्गो को मिलाकर जो क्षेत्र बनाता है उसे बाबा अमरनाथ क्षेत्र घोषित किया जाए जिस तरह माता वैष्णो देवी या तिरुपति में होता है |
४.बाबा अमरनाथ के मार्गो में बड़े अस्पताल बनाए जाए जिससे वहा कोई आपदा आने पर शिवभक्तो के प्राणों को बचाया जा सके |
५.बाबा के मार्गो को चौड़ा करना , वहा यात्री विश्रामगृह बनाना ,जगह जगह आक्सीजन की व्यवस्था करना आदि जो काम उनके है उनको अविलम्ब पूरा करने का आदेश दिया जाए क्योकि राज्यपाल राष्ट्रपति का ही प्रतिनिधित्व करता है |
हम उनसे निवेदन करेगे कि वे एक माह में ही उपयुक्त आदेश दे | अब हम हर वर्ष यह झगडा नहीं चाहते | यदि वे उपयुक्त कार्यवाही नहीं करते तो हमें एक राष्ट्रव्यापी आन्दोलन खड़ा करना पडेगा |