Conspiracy against RSS leader Indresh Kumar

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आरएसएस नेता इन्द्रेश को फंसाने की नई साजिश 
आरएसएस नेता इन्द्रेश पर पुलिस शिकंजा कसने की नई साजिश 
नई दिल्ली। कई वर्षों से कांग्रेस की आँख में आर एस एस नेता श्री इन्द्रेश कुमार के खिलाफ कांग्रेस ने एक साजिश रची है ताकि इन पर पुलिस का शिकंजा कसा जा सके और साथ में इनका और संघ परिवार का चरित्र हनन का 2014 के लोकसभा चुनाव में इसका लाभ उठाया जा सके। आर एस एस नेता के खिलाफ उपरोक्त साजिश नोएडा सेक्टर 58 के थाने में उत्तर प्रदेश के संभल स्थित कल्कि पीठ केआचार्य प्रमोद कृष्णन (असली नाम प्रमोद कृष्ण त्यागी) द्वारा दर्ज कराई गई रिपोर्ट के जरिये की गई है जिसमें आरोप लगाया गया है कि श्री इन्द्रेश कुमार ने आचार्य प्रमोद कृष्णन उर्फ़ प्रमोद कृष्ण त्यागी को जान से मारने की धमकी दी है। 
रिपोर्ट में कहा गया है कि संघ परिवार से जुड़े एक टीवी चैनल के कार्यक्रम की समाप्ति पर श्री इन्द्रेश कुमार ने आचार्य प्रमोद कृष्णन (उर्फ़ प्रमोद कृष्ण त्यागी) की तरफ आग बबूला होते हुए कहा कि दिग्विजय सिंह के कहने पर उनके खिलाफ समझौता एक्सप्रेस और अजमेर बम ब्लास्ट में उनकी भूमिका होने के बयान देते हैं। अगर उन्होंने अब ऐसी बयानबाजी बंद नहीं कि तो उनकी धज्जियां उड़ा दी जाएंगी। श्री इन्द्रेश कुमार पर यह भी आरोप लगाया गया कि उन्होंने यह भी कहा कि तीन महीने में उनकी सरकार आएगी तो ऐसा हश्र करेगी कि उन्हें कोई बचा नहीं पाएगा। आचार्य प्रमोद कृष्णन उर्फ़ प्रमोद कृष्ण त्यागी ने उक्त रिपोर्ट में कोई गवाह का नाम नहीं दिया है। इसके बजाए यह कहा है कि कार्यक्रम में इन्द्रेश कुमार के साथ नितिन गडकरी, वैंकया नायडु और संघ के कई और नेता मौजूद थे। उल्लेखनीय है कि हिंदी दैनिक अमर उजाला ने 11 फरवरी के अंक में यह रिपोर्ट प्रकाशित की है। 
श्री इन्द्रेश कुमार के खिलाफ यह रिपोर्ट साजिश के तहत दर्ज कराई गई है इसका अंदाजा एफ आई आर पढ़ने से स्वतः हो जाता है रिपोर्ट जैसा कि एफ आई आर से पता चलता है कि आचार्य प्रमोद कृष्णन उर्फ़ प्रमोद कृष्ण त्यागी दिग्विजय सिंह के कहने पर इन्द्रेश कुमार ने इसलिए जान से मारने की धमकी दी क्योंकि आचार्य प्रमोद कृष्णन उर्फ़ प्रमोद कृष्ण त्यागी दिग्विजय सिंह के कहने पर इन्द्रेश कुमार के खिलाफ बयान देते रहे हैं। इससे यह बात स्पष्ट हो जाती कि आचार्य प्रमोद कृष्णन उर्फ़ प्रमोद कृष्ण त्यागी का संबंध कांग्रेस के नेताओं के साथ है जिनकी आँखों में श्री इन्द्रेश कुमार जी कई वर्षों से खटक रहे हैं। और सारी कोशिशों के बावजूद श्री इन्द्रेश कुमार समझौता एक्सप्रेस और अजमेर बम ब्लास्ट के आरोप में गिरफ्तार नहीं हो सके। 
सीबीआई ने केंद्र सरकार के इशारे पर श्री इन्द्रेश कुमार के खिलाफ मामला भी दर्ज किया लेकिन उसे श्री इन्द्रेश के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला। जब असीमानंद की हैदराबाद बम ब्लास्ट में गिरफ्तारी हुई तब भी उनपर यह आरोप लगवाया गया कि इन्द्रेश कुमार का हाथ समझौता एक्सप्रेस बम ब्लास्ट में था। लेकिन यह आरोप भी सिर्फ आरोप ही रहा। इस आरोप का कोई सबूत नहीं मिला। कांग्रेस ओर उसकी अगुवाई वायली यूपीए सरकार की यह कोशिश रही कि किसी प्रकार इन्द्रेश कुमार को जेल भेज दिया जाए लेकिन वे अपने कुत्सित इरादे में सफल नहीं हो सके। अब अपने इस कुत्सित इरादे को कामयाब बनाने के लिए आचार्य प्रमोद कृष्णन उर्फ़ प्रमोद कृष्ण त्यागी को मुहरा बनाया जा रहा है। प्रमोद कृष्ण त्यागी द्वारा सोची समझी साजिश के तहत श्री इन्द्रेश कुमार के खिलाफ यह दर्ज कराई गई है इसका अंदाजा इस तथ्य से लगाया जा सकता है कि वह पहले श्री इन्द्रेश कुमार के खिलाफ बयानबाजी कर रहे थे। जब संघ परिवार से जुड़े उक्त चैनल ने उन्हें अपने कार्यक्रम में आमंत्रित किया तो उन्हें मालूम हुआ होगा कि कार्यक्रम में इन्द्रेश कुमार भी हिस्सा ले रहे हैं तो इसकी जानकारी उन्होंने अपने कांग्रेसी आकाओं को जरुर दी होगी जिन्होंने इस अवसर का लाभ उठाने के लिए श्री इन्द्रेश कुमार के खिलाफ एफ आई आर दर्ज कराने की सलाह दी होगी और इस सलाह पर कार्यक्रम के बाद प्रमोद कृष्ण त्यागी ने अमल किया। चूंकि कार्यक्रम में श्री इन्द्रेश कुमार मौजूद थे और उनकी मौजूदगी का सबूत स्टूडियो रिकॉर्ड में मौजूद है। इसलिए प्रमोद कृष्ण त्यागी ने इस अकाट्य सबूत का लाभ उठाया और श्री इन्द्रेश कुमार जी द्वारा स्वयं को जान से मारने की धमकी का झूठा आरोप लगाया। यह आरोप झूठा है इसका सबूत यह है कि प्रमोद कृष्ण त्यागी ने अपने आरोप को साबित करने के लिए कोई गवाह पेश नहीं किया है। चूंकि वह स्वयं उत्तरप्रदेश का कथित प्रभावशाली संत है और उसके कोंग्रेस से गहरे संबंध हैं। इसलिए नोएडा पुलिस ने उक्त झूठी शिकायत दर्ज कर ली। 
2014 के लोकसभा चुनाव के ठीक पहले यह पुलिस रिपोर्ट इन्द्रेश कुमार और संघ परिवार के चरित्र हनन के लिए कराया गया लगता है ताकि श्री मोदी के नेतृत्व में भाजपा के चुनाव प्रचार में उसको हासिल रोका जा सके। इस इरादे का पता शिकायत में दर्ज कराई गई इस बात से चलता है जिसमें इन्द्रेश कुमार को यह कहते हुए बताया गया है कि तीन माह में उनकी सरकार आएगी तो प्रमोद कृष्ण त्यागी का वह हश्र किया जाएगा कि उन्हें बचाने वाला कोई नहीं होगा। यह आरोप लगाकर देश की जनता को यह संदेश देने का प्रयास किया गया है कि यदि केंद्र में चुनाव के बाद भाजपा की सरकार बनी तो वह अपने विरोधियों को बख्शेगी नहीं। 
श्री इन्द्रेश कुमार के खिलाफ यह शिकायत बहुत बड़ी साजिश का नतीजा है। इसे प्रमोद कृष्ण त्यागी के अतीत से भी समझा जा सकता है। दरअसल प्रमोद कृष्ण त्यागी पहले बाकायदा कांग्रेस के नेता थे। बाद में उन्हें कांग्रेस ने विश्व हिन्दू परिषद् को तोड़ने के लिए तैयार किया। इसलिए उन्होंने भगवा वस्त्र धारण किया और संभल में अपना विशाल आश्रम कायम किया जिसमें हेलीकॉप्टर उतरने केलिए हेलिपैड तक मौजूद हैं। आज इस आश्रम की प्रसिद्धि दूर-दूर तक है और बड़े-बड़े राजनेता विशेषकर कांग्रेसी नेता इस आश्रम में आते हैं और प्रमोद कृष्ण त्यागी जो आचार्य प्रमोद कृष्ण बन गए हैं लोगों के लिए पूज्य बन गए हैं।
गिरिश जुयाल
मंत्री माँ कामाख्या अखारा

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