RSS strongly condemns views advocating violence

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VSK TN
    
 
     
RSS Speaker of Ujjain, Malwa Prant Kundan Chandrawat
made an outrageous remark on Kerala Terrorism. 
Condemning the views of Kundan Chandrawat Dr. Manmohan Vaidya, RSS
Akhila Bharatha Prachar Pramuk  said, “RSS
do not subscribe to any views advocating violence and strongly condemn it.”
Here are the statements issued by Prant
Prachar Pramuk Shri Pravin Kabra and Shri Nandakumar, RSS Akhil Bharatiya Sah
Prachar Pramuk.

संघ हिंसा को
प्रोत्साहन देने वाली सोच के खिलाफ है
डॉ. प्रकाश
शास्त्री
इंदौर
(विसंकें). राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रान्त संघचालक डॉ. प्रकाश शास्त्री जी ने
कहा कि केरल में संघ स्वयंसेवक व उनके परिवारजनों पर लगातार हो रहे हिंसात्मक
हमलों के विरोध में 01 मार्च को पूरे देश के प्रमुख स्थानों पर नागरिकों द्वारा
निषेध सभा का आयोजन किया गया. मालवा प्रान्त मध्यप्रदेश के उज्जैन शहर में
जनाधिकार समिति द्वारा आयोजित ऐसी एक निषेध सभा में अनेक नागरिकों ने राज्य के
प्रश्रय में हो रही संघ स्वयंसेवकों की हत्याओं के विरोध में अपनी भावनाएं व्यक्त
की.
एक वक्ता डॉ. कुंदन
चंद्रावत ने केरल के वर्तमान मुख्यमंत्री की हत्या को उकसाने वाला जो वक्तव्य दिया,
वह संघ का मत नहीं है. संघ ऐसी हिंसा के विरोध में है. हिंसा को प्रोत्साहन देने
वाली यह सोच गलत है और संघ ऐसी सोच की घोर भर्त्सना करता है.
एक वक्ता के इस
वक्तव्य को संघ के मत के रूप में कृपया प्रसारित ना करें, ऐसा प्रसार माध्यमों से
निवेदन है.
डॉ. प्रवीण
काबरा
प्रान्त प्रचार
प्रमुख

संघ लोकतंत्रिक तरीके से विरोध करने
में विश्वास करता है – जे. नंद कुमार जी
भोपाल (विसंकें). केरल में
मार्क्सवादियों द्वारा लगातार हो रही हत्या के विरोध में पूरे देश में 01 से 03
मार्च के बीच विभिन्न मंचों
, संगठनों द्वारा
धरना-प्रदर्शन का आयोजन किया जा रहा है, इसी क्रम में 01 मार्च को उज्जैन में जन
अधिकार समिति द्वारा आक्रोश सभा एवं धरने का आयोजन किया गया था. इसमें एक वक्ता डॉ.
कुंदन चंद्रावत द्वारा केरल के मुख्यमंत्री के सम्बन्ध में विवादित बयान राष्ट्रीय
स्वयंसेवक संघ के संज्ञान में आया है. इस सम्बन्ध में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का
मत है कि इन प्रदर्शनों में कई प्रकार के संगठनों/संस्थाओं के कार्यकर्ता वक्ता के
रूप में आते हैं, इसीलिए उनके द्वारा दिया गया बयान “संघ का अधिकृत वक्तव्य” नहीं
है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपनी स्थापना के समय से ही व्यक्ति निर्माण एवं समाज
सेवा के कार्य में संलग्न है और कभी भी हिंसा में विश्वास नहीं रखा. संघ लोकतांत्रिक
तरीके से विरोध करने में विश्वास करता है, इसीलिए संघ डॉ. कुंदन के भावावेश में
दिए गए बयान की घोर भर्त्सना करता है.
जे. नंदकुमार
अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख, राष्ट्रीय
स्वयंसेवक संघ

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