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Yuva Kumbh was duly inaugurated by the dignitaries held in ‘Smriti Upavan’ located in Bangla Bazaar wherein thousands of young people participated. Shri Yogi Adityanaad, Chief Minister, Governor and Shri Krishna Gopal, RSS Sah Sarkaryavah addressed the audience.
लखनऊ. राजधानी में युवा कुम्भ का विधिवत उद्घाटन राज्यपाल तथा मुख्यमंत्री ने किया. बंगला बाजार स्थित ’स्मृति उपवन’ में आयोजित युवा कुम्भ में विभिन्न क्षेत्रों की चर्चित हस्तियां पहुंची हैं. देशभर से हजार युवा भी पहुंचे हैं.
युवा कुम्भ के उद्घाटन सत्र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल जी ने कहा कि कालांतर में पिछले 800-900 वर्षों में कुम्भ में चिंतन की परंपरा लुप्त जैसी होने लगी थी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऐसी योजना बनाई तो काशी (पर्यावरण), मथुरा (नारी शक्ति), अयोध्या (समरसता) के बाद अब लखनऊ में युवा कुम्भ का आयोजन हो रहा है. हमारा समाज कैसी स्थिति और दिशा में है, इसका कैसा भविष्य होगा, इसके चिंतन के लिए कुम्भ का आयोजन है. उन्होंने कहा कि हमारा देश विश्व पटल पर महान था. यहां से अध्यात्म की धारा दूर-दूर तक गई. अध्यात्म, आर्थिक, वैचारिक, सामाजिक, सांस्कृतिक क्षेत्र में दैदीप्यमान था. दुष्ट आक्रमणकारियों ने देश की परिस्थिति बदल दी, सम्पन्नता से भरा देश गरीब देश में बदल गया. विश्व के व्यापार में एक प्रतिशत हो गया, भुखमरी से भरा देश हो गया.
सह सरकार्यवाह ने कहा कि आक्रमणकारियों ने देश का सर्वनाश कर दिया, लेकिन इस देश की आध्यात्मिक शक्ति को जगाया गया. अंग्रेजों के काल में भी आध्यात्मिक जागरण जारी था और इसी बदौलत 1947 में देश स्वतंत्र हुआ. उस समय दुनिया के लोगों को आशंका थी कि देश टुकड़ों में बंट जाएगा, बिखर जाएगा. इतिहास इस बात का साक्षी है – ये देश एक है.
उन्होंने कहा कि हम दुनिया के लोगों को बता देना चाहते हैं कि हमारे देश की आधारशिला धर्म है. लाखों करोड़ों लोग प्रयाग की इस धरती पर गंगा के जल का स्पर्श करने क्यों आते हैं. लाखों करोड़ों लोग गंगा के तट की ओर दौड़े चले आते हैं. किसी की कृपा से देश एक नहीं है. अंग्रेजों को अहंकार था, उनका आयरलैंड अलग होना चाहता है.
डॉ. कृष्ण गोपाल ने कहा कि पराधीनता के कारण अनेक समस्याएं जैसे शोषण, प्रतिभा का ह्रास, शिक्षण संस्थानों का विनाश, आध्यात्मिक जगत के बारे में खराब बातें आई. ऐसे में लोकमान्य, मदन मोहन मालवीय खड़े हुए. इन लोगों ने अध्यात्म के भाव को जगाने की कोशिश की. भारत को अपने लोगों का पेट भरने के लिये अन्न उस वक्त बाहर से मंगाना पड़ता था. अब हम 135 करोड़ लोगों के लिए भर पेट अन्न पैदा करते हैं. 04 करोड़ टन खाद्यान्न दूसरे देशों को देने को तैयार हैं. 1971 को पाकिस्तानी सैनिकों का आत्म समर्पण दुनिया ने देखा. 800-900 वर्षों की पराधीनता के बाद ये हुआ.
आज दुनिया में सबसे अधिक दूरी की मिसाइल बनाने वाला भारत है. अब गरीब और प्रतिभा सम्पन्न भारत एक रहना चाहिए, हमें इस बात का ध्यान रखना है. हम हिन्दू हैं और इसी नाते हम आध्यात्मिक, धार्मिक हैं. ये हमारी विशेष पहचान है. हमारा विशेष व्यवहार होना चाहिए. हिन्दुओं ने कहा सर्वे भवन्तु सुखिनः चाहे अमेरिका में रहे या पाकिस्तान में, वो सर्वे भवन्तु सुखिनः में आता है. विद्वानों ने लिखा है कि पिछली शताब्दी विज्ञान की थी, पश्चिमी थी. वो अवश्यम्भावी विनाश की है. इससे बचना है तो भारत के अध्यात्म से सीखो भारत की शरण लो.
युवा खुद को राज्य के दायरे में बांधकर न देखें – सुशील कुमार
लखनऊ. युवा कुम्भ में अंतरराष्ट्रीय पहलवान व ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार ने कहा कि जब बसन्त आता है तो प्रकृति सुंदर हो जाती है. जब जीवन में संत आते हैं तो संस्कार बदल जाते हैं. हमें अपने माता-पिता और गुरु से आशीर्वाद लेकर अपने कार्यक्षेत्र में आगे बढ़ना चाहिए. ईमानदारी से काम किया जाए तो सफलता जरूर मिलती है. गुरु और माता-पिता हमें अपने से अच्छा बनाना चाहते हैं. सुशील ने कहा कि युवाओं को ब्रांड अम्बेसडर मानता हूं. पूरे विश्व में सबसे ज्यादा युवा भारत में हैं. खुद को राज्य के दायरे में बांधकर न देखें. हम भारतीय हैं. हमें भारत को आगे बढ़ाना है. मुझसे कोई पूछता है कि उड़ीसा से हो तो कहता हूं कि हां उड़ीसा से हूं. कोई पूछता है कि बिहार से हो तो मैं कहता हूं कि हां मैं बिहार से हूं. मैं अपने आपको सभी राज्य का बताता हूं, क्योंकि मैं भारत का हूं. मुझे भारत दिखता है. उन्होंने कहा कि कुम्भ के जरिये हमारी संस्कृति पूरे विश्व में जानी चाहिए.
अंतरराष्ट्रीय बॉक्सर विजेंदर ने कहा कि लखनऊ में पहली बार आया हूं. लखनऊ अपने आप में बहुत प्रसिद्ध है. युवा कुम्भ बहुत ही अच्छी सोच है. हम भारत को कैसे अच्छा भारत बनाएं, यह एक अच्छी पहल है. भारत में खेल महत्वपूर्ण है. उत्तर प्रदेश सरकार खेल पर ध्यान दे और उप्र में खेल को ऊपर ले जाए.
उन्होंने कहा कि एक मैच में उन्हें डराया गया कि उनका अमरिकी प्रतिद्वंद्वी सांप का खून पीता है तो मैंने कहा कि मैं गाय का दूध पीता हूं. कुछ नहीं होगा. आपको बताऊं कि वह बॉक्सर रिंग में तीन मिनट भी नहीं ठहर पाया. नया भारत तभी बनेगा, जब इस देश का युवा लड़ेगा. डरना आसान है, लड़ना कठिन. जो सच्चे दिल से लड़ेगा, वही विजेता बनेगा.
फ़िल्म निर्माता व निर्देशक मधुर भंडारकर ने कहा कि मेरी फिल्म समाज का आईना होती है. आपका हमेशा साथ मिलता रहा है. लखनऊ में आकर अपनेपन का बोध होता है. “युवा कुम्भ- नजरिया नए भारत का” एक सार्थक पहल है. अपनी संस्कृति व परम्परा को साथ लेकर चलना चाहिए. मेरा प्रयास होगा कि मैं सपरिवार व मित्रों के साथ प्रयाग के कुम्भ में जाऊं और सन्तों का आशीर्वाद प्राप्त करूं.
युवा कुम्भ में उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि रामलला का भव्य मंदिर उनकी जन्मभूमि अयोध्या में जरूर बनेगा. बाबर के नाम की एक भी ईंट अयोध्या में नहीं लगने दी जाएगी. हम ही कारसेवक हैं. जब तक भगवान राम के मंदिर के शिखर का कलश स्थापित नहीं हो जाता, तब तक कोई भी रामभक्त सो नहीं सकता.
युवाओं को “युवा देवो भवः” कहते हुए कहा कि जिस ओर जवानी चलती है, उस ओर जमाना चलता है. युवा कुम्भ महत्पूर्ण आयोजन है. हमें देश से आतंकवाद का ही खात्मा नहीं करना है, बल्कि भ्रष्टाचार की इमारतों को भी ढहाना है.
उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि देश की दशा-दिशा बदलने में युवा ही सक्षम हैं. भारत की प्राचीन परंपरा व विरासत के चलते ही यह देश विश्वगुरु बना था. भारत में तक्षशिला और नालन्दा विश्वविद्यालय की स्थापना तब हुई थी, जब कई धर्म जन्मे भी नहीं थे. युवाओं से तकनीक का सकारात्मक उपयोग करने व नकारात्मक उपयोग से बचने की अपील की.
फिल्म अभिनेता नसीरूद्दीन शाह कह रहे हैं कि भारत में असहिष्णुता है और उनके बच्चे असुरक्षित हैं. आदमी की जान से ज्यादा गाय को महत्व दिया जा रहा है. आदमी की सुरक्षा करना हमारा कर्तव्य है और गाय हमारी माता है, इसकी रक्षा करना हमारा नैतिक दायित्व है. गाय माता की कोई तुलना नहीं हो सकती. नसीरूद्दीन शाह के बयान पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भारत में असहिष्णुता की वृद्धि की बात न करें, वह अपने देश को सम्भालें और देखें कि वहां क्या हो रहा है.