VSK TN
The
verdict in the Puducherry court has vindicated that a Hindu Sanyasi had been
purposely framed in a false case. Sri
Ashok Singhal in a statement expressed his opinion that the arrest and
belittling of Kanchi Shankaracharya is clearly a Christian conspiracy to run
down Hindu holy men and Hindu society, a habit of Sonia’s regime. Sri Singal hoped that the pseudo-secular
brigade of Sonia, Mulayam Singh Yadav and others will be routed by the Hindu
society in the forthcoming Parliamentary polls.
verdict in the Puducherry court has vindicated that a Hindu Sanyasi had been
purposely framed in a false case. Sri
Ashok Singhal in a statement expressed his opinion that the arrest and
belittling of Kanchi Shankaracharya is clearly a Christian conspiracy to run
down Hindu holy men and Hindu society, a habit of Sonia’s regime. Sri Singal hoped that the pseudo-secular
brigade of Sonia, Mulayam Singh Yadav and others will be routed by the Hindu
society in the forthcoming Parliamentary polls.
Statement of Sri Ashok Singhal, VHP Patron
पूज्य शंकराचार्य स्वामी जयेन्द्र सरस्वती जी पर लगाया गया
आरोप
आरोप
एक ईसाई षड्यन्त्र था।
मा0 अशोक सिंहल
संरक्षक विश्व हिन्दू परिषद्
इलाहाबाद, 27 नवम्बर 2013
पूज्य जगद्गुरु
शंकराचार्य कांची स्वामी जयेन्द्र सरस्वती जी को आज हत्या के आरोप से अदालत ने बरी
कर दिया। अब यह स्पष्ट हो गया है कि 2004 की दीपावली की रात्रि के अन्धेरे में
हैदराबाद के ईसाई मुख्यमंत्री राजशेखर रेड्डी द्वारा उन्हें एक बड़े षड्यन्त्र के
तहत गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तारी भारत के हिन्दू समाज के सर्वश्रेष्ठ महात्मा को
अपमानित करने की दृष्टि से की गई। सोनिया जी जब से भारत में आयीं हैं वह हमारी
धार्मिक सांस्कृतिक आस्थाओं को कुचलने में लगी हैं। 2500 वर्ष से ख्यातिनाम भारत का सर्वश्रेष्ठ शांकर मत जिसके आचार्याें को भगवान के
समान ही हमारा समाज मानता आया है, उनको केवल अपमानित ही नहीं किया गया वरन्
उनके प्रति समाज की श्रद्धा व सम्मान का मीडिया के द्वारा उपहास उड़ाया गया। यह
कार्य योजनाबद्ध रूप से सन्तों, आचार्याें,
महन्तों और
महात्माओं के प्रति श्रद्धाआंे को समाप्त करने के लिए जानबूझ कर अपनाया गया खुलेआम
ईसाई षड्यन्त्र था। उन्हें पता है कि भारत पर राज करने के लिए उन्हें सन्तों और
हिन्दुत्ववादी संगठनों के आस्तित्व को समाप्त करना होगा। इसलिए उन्हें अपराधी
बनाने का जिससे उन्हें समाज हेय दृष्टि से देखे यह एक ईसाई षड्यन्त्र था। स्वामी
जी के बेदाग छूट जाने से अब यह षड्यंत्र पूर्ण रूप से उजागर हो गया है। प्रज्ञा
भारती, असीमानन्द जी और अब तो मैं कह सकता हूं
कि आसाराम बापू जिनके करोड़ों अनुयायी भारत में हैं उन्हें अपराधी घोषित करने का
षड्यन्त्र किया जा रहा है। सोनिया जी के इस घृणित प्रयास को हिन्दू समाज कभी माफ
नहीं कर सकेगा। उनको कभी न कभी इसका जवाब देना पड़ेगा। समय आ गया है, समाज सेक्युलरवाद का नारा लगाने वाली सोनिया जी और ऐसे ही नास्तिक संगठन
जिसमें मुलायम सिंह जैसे अनेक नेता सेक्युलरवाद के नाम पर हिन्दू संस्कृति और
मान्यताओं को कुचलने में लगे हैं उनसे पूरा समाज सचेत हो जाय और आने वाले संसदीय
चुनाव के महाभारत में उनका पूर्ण सफाया कर दे। तभी हिन्दू समाज और हमारे सन्त
सुरक्षित रह सकते हैं।