– प्रशांत पोळ मुनीश्रेष्ठ विश्वामित्र के साथ श्रीराम और लक्ष्मण चल रहे हैं. वें गंगा नदी पार कर, दक्षिण तट पर आते हैं. प्रवास पुनः प्रारंभ होता है. अब रास्ते में एक भयानक वन आता है, जिसमें सिंह, व्याघ्र, हाथी जैसे जानवर विचरण कर रहे हैं. किंतु इस वन में […]

–  प्रशांत पोळ सृष्टि के पालनकर्ता, सर्वव्यापी नारायण ने निर्णय लिया है, रावण जैसी आसुरी शक्ति के निर्दालन के लिए, ईश्वाकु कुल के वंशज, राजा दशरथ के पुत्र के रूप में माध्यम बनने का..! राजा दशरथ इसी समय पुत्रकामेष्टि यज्ञ कर रहे हैं. ईश्वर के प्रतिनिधि के रूप में एक […]

– प्रशांत पोळ कालचक्र की गति तेज है. वह घूम रहा है. घूमते – घूमते पीछे जा रहा है. बहुत पीछे. इतिहास के पृष्ठ फड़फड़ाते हुए हमें ले चलते हैं त्रेतायुग में. कई हजार वर्ष पीछे..! इस त्रेतायुग में पृथ्वी पर एक बहुत बड़ा भूभाग है, जिसे आर्यावर्त नाम से […]