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चित्र प्रदर्शनी
का उद्घाटन संत स्वामी हरिबोल ने किया
का उद्घाटन संत स्वामी हरिबोल ने किया
आगरा-31 अक्टूबर। ‘विदेशियों ने हमसे हमारा आइना छीन कर अपने आइने से जो दिखाया उस के कारण हम अपने राष्ट्रीय गौरव को भूल
चुके हंै अब हमें अपने आईने से युवा पीढ़ी को राष्ट्र के गौरव पूर्ण इतिहास से परिचत कराना होगा,ताकि विश्व के समक्ष
युवा अपना सीना तानकर खड़े हो सकंे। हमारे महापुरुष अपनी संकृति की रक्षा-संरक्षा के लिए सदैव तत्पर रहे हैं, जिनकी हुंकार से दुनिया दहली है और उन के जीवन चरित्र से संसार
संस्कारित हुआ है। भारत ने दुनिया को संस्कारित किया है। भारत के गौरवमयी इतिहास से परिचित कराना ही इस प्रदर्शनी का उद्देश्य है।
चुके हंै अब हमें अपने आईने से युवा पीढ़ी को राष्ट्र के गौरव पूर्ण इतिहास से परिचत कराना होगा,ताकि विश्व के समक्ष
युवा अपना सीना तानकर खड़े हो सकंे। हमारे महापुरुष अपनी संकृति की रक्षा-संरक्षा के लिए सदैव तत्पर रहे हैं, जिनकी हुंकार से दुनिया दहली है और उन के जीवन चरित्र से संसार
संस्कारित हुआ है। भारत ने दुनिया को संस्कारित किया है। भारत के गौरवमयी इतिहास से परिचित कराना ही इस प्रदर्शनी का उद्देश्य है।
उक्त उद्गार राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ ब्रजप्रान्त द्वारा आयोजित युवा संकल्प शिविर में लगी प्रदर्शनी के उद्घाटन के अवसर पर मुख्य वक्ता
क्षेत्रीय प्रचारक प्रमुख श्री किशन चन्द जी से व्यक्त किये। उन्होंने आगे कहा कि जब विदेशी आंक्रताओं ने दुनिया के अन्य देशों को पचास- साठ साल में ही जीत
लिया था । भारत को जीतने में उन्हें छःसौ साल से भी ज्यादा समय लगा। उसके बाद भी भारत लोग स्वतंत्रता के लिये निरन्तर संघर्षरत रहे ओर अपनी
स्वाधीनता प्राप्त की ।
क्षेत्रीय प्रचारक प्रमुख श्री किशन चन्द जी से व्यक्त किये। उन्होंने आगे कहा कि जब विदेशी आंक्रताओं ने दुनिया के अन्य देशों को पचास- साठ साल में ही जीत
लिया था । भारत को जीतने में उन्हें छःसौ साल से भी ज्यादा समय लगा। उसके बाद भी भारत लोग स्वतंत्रता के लिये निरन्तर संघर्षरत रहे ओर अपनी
स्वाधीनता प्राप्त की ।
श्री कृष्ण चन्द ने भारत के प्राचीन गौरव का
उल्लेख करते हुये कहा जब दुनिया के लोग असभ्य थे तब भारत तमाम क्षेत्रों में अन्य देशों से बहुत आगे था। इसी ने दुनिया को सभ्यता-संस्कृति, ज्ञान – विज्ञान से परिचित कराया। इसी के चलते भारत को जगत गुरु कहलाया। वर्तमान
में भी इसके अनेक प्रमाण उपलब्ध हंै।
उल्लेख करते हुये कहा जब दुनिया के लोग असभ्य थे तब भारत तमाम क्षेत्रों में अन्य देशों से बहुत आगे था। इसी ने दुनिया को सभ्यता-संस्कृति, ज्ञान – विज्ञान से परिचित कराया। इसी के चलते भारत को जगत गुरु कहलाया। वर्तमान
में भी इसके अनेक प्रमाण उपलब्ध हंै।
उन्होने कहा कि वर्तमान में भारत दुनिया का सबसे बड़ा युवाओं का देश है।
इसलिए आगे का भविष्य भी भारतीय युवाओं का होगा।
इसलिए आगे का भविष्य भी भारतीय युवाओं का होगा।
श्री चंद ने कहा कि देश गुलाम ना रहे, आगे गुलामी ना आये, देश के लोगों में राष्ट्रीयता का भाव जागृत हो इसी उददेश्य से डा0 हेडगेवार जी ने संघ की स्थापनाकी थी।
प्रदर्शनीय के उद्घाटन कर्ता मुख्य अतिथि स्वामी हरिबोल जी महाराज ने कहा कि देश पिछले कई वर्षो से कुशासन
भ्रष्टाचार से त्रस्त था। साधु समाज घुटन अनुभव कर रहा
था हिन्दू धर्म संस्कृति नष्ट हो रही थी। अबसर
मिलते ही संतों ने जनजागरण किया। जिसके फलस्वरूप आज सुखद परिणाम आये है। उन्होने अमेरिका का उल्लेख करते हुये कहा कि
पहले वह मोदी को बीजा नहीं दे रहा था अब सत्ता बदलते
ही उनके स्वागत में अमेरिका ने पलक पावडे बिछाये। मोदी सरकार के बारे में कहा कि थोडे दिनों में अच्छे दिन आने लगे हंै। कार्यक्रम की अध्यक्षता
नरेन्द्र बंसल चाॅदी वाले ने की तथा विशिष्ट अतिथि थे अशोक जैन डाक्टर सोप। मंच पर प्रांत संघ कार्यवाह राजपाल सिंह मौजूद थे। कार्यक्रम संचालन
कुंजविहारी दुवेदी ने किया वही सरस्वती विद्या मंदिर के छात्रों भजव व गीत प्रस्तुत किये।
भ्रष्टाचार से त्रस्त था। साधु समाज घुटन अनुभव कर रहा
था हिन्दू धर्म संस्कृति नष्ट हो रही थी। अबसर
मिलते ही संतों ने जनजागरण किया। जिसके फलस्वरूप आज सुखद परिणाम आये है। उन्होने अमेरिका का उल्लेख करते हुये कहा कि
पहले वह मोदी को बीजा नहीं दे रहा था अब सत्ता बदलते
ही उनके स्वागत में अमेरिका ने पलक पावडे बिछाये। मोदी सरकार के बारे में कहा कि थोडे दिनों में अच्छे दिन आने लगे हंै। कार्यक्रम की अध्यक्षता
नरेन्द्र बंसल चाॅदी वाले ने की तथा विशिष्ट अतिथि थे अशोक जैन डाक्टर सोप। मंच पर प्रांत संघ कार्यवाह राजपाल सिंह मौजूद थे। कार्यक्रम संचालन
कुंजविहारी दुवेदी ने किया वही सरस्वती विद्या मंदिर के छात्रों भजव व गीत प्रस्तुत किये।