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चेन्नई सन्देश
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संवाद भी, संस्कार भी
अप्रैल १३, २०१२
हिन्दू मंदिर क्या अल्प वस्तु है?
“मंदिर का एक ईंट भी ढहने न देंगे हम” – तमिलनाडु का विल्लुपुरम जिले में पनयपुरम गाव में स्थित १३०० साल पुराने पनान्ग्कात्तीस्वर (शिव) मंदिर के भक्त जनों का है यह उद्गार. एक राजमार्ग का विस्तार करते समय केंद्र सरकार का ‘भारतीय राष्ट्रीय राज मार्ग अतारिटी’ (एन हेच ए अई) इस मंदिर को तोड़ने आया. गाव के लोगों ने इस के विरुद्ध जिलादीश को ज्ञापन दिया. उन लोगों ने चेन्नई में एन हेच ए अई अधिकारी से मिले और उनसे यह आश्वासन प्राप्त की कि दूसरा मार्ग से काम पूरा किया जायगा. राज्य के पुरातत्व विभाग के पूर्व निधेशक डॉक्टर नगस्वमी बताते है कि “हर साल तमिल नवा संवत्सर का दिन सूर्य किरण मंदिर के गर्भ गृह में स्थापित मूर्ति पर गिरता है. मंदिर का बनावट इतना उत्कर्ष है”. मंदिर में कई ऐसे शिला लेख है जो राजेंद्र चोल के कडारम (आज का मलेसिया) के ऊपर विजय प्राप्ती के इतिहास को स्थायी रूप ढे रहे है. ये सब एन हेच ए अई कि अनहोनी काम द्वारा मिटटी से मिल जायेंगे ऐसा चिन्थिथ होकर गाव के लोग निद्राहीन रात बिता रहे है.
तमिल लेकिखा कि उधारता -: ११ करोड़ रुपये समाज सेवी संस्था को की समर्पित
स्वर्गीय आर चूड़ामणि गत पीढ़ी के जाने माने तमिल कहानीकार है. सन २०१० में उनका देगावासान हुवा. इसके पहले उन्होंने एक घोषणा की थी कि अपने सारे ज़मीन जयदाद को बेचकर मिलने वाले रकम को तीन समाजसेवी संस्था को वितरित की जाय. ऐसा रकम ११ करोड़ रुपये हुए जिसे श्री रामकृष्ण आनाथालय, श्री रामकृष्ण निश्शुल्क चिकित्सालय और अड्यार का व्हालंतरी हेल्त सर्विस – इन तीनो में बांटा गया. इस वज़े आयोजित समारोह में बोलते वक्त न्यायादीश रामसुब्रमानिंयन ने कहा कि चूड़ामणि के कहानियो से ज्यादा उनका निधि जीवन सारे समाज के लिए अनुकरणीय है.
हिन्दुवों के अधीन समाज जीवन कुशहाल
तिरुनेलवेली जिले का सदय्मानकुलं में वहा का एक गणेश मंदिर के दो तालाब है जिन्हें ९७ साल पहेले इसाई लोग अपने कब्जे में ले लिए. गाव के हिन्दू मुन्ननी नेता श्री पेरुमाल, मंदिर के सारे कागसात के बल पर इस बात को सामने लाया और चेन्नई उच्च न्यालय का मदुरै बेंच में एक मुक़दमा दायर कि. न्यायालय में उनको उन २ तालाब के वैध प्रबंधक गोशिथ किया गया. इसके बाद तालाब में पकडे गए मचिली से मिलने वाला सारा पैसा गाव के लिए उपयोगी सिद्ध हूवा.