संरक्षक
वक्तव्य
नई दिल्ली, 15 अक्टूबर, 2013
श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण
हेतु संसद में कानून बनाने के लिए 18 अक्टूबर, 2013 को निश्चित की गई संकल्प सभा को
उ0प्र0 की सरकार द्वारा प्रतिबंन्धित
किये जाने की विश्व हिन्दू परिषद कड़े शब्दों में निन्दा करती है। विहिप के संरक्षक
श्री अशोक सिंहल ने आज जारी एक बयान में कहा कि उ0प्र0 के मंत्री आजम खां के दबाव में छद्म
धर्मनिरपेक्षता के नाम पर समाजवादी पार्टी की सरकार जेहादियों को प्रोत्साहन तथा रामभक्तों
के दमन का कार्य लगातार कर रही है। पूर्व में निर्धारित श्रीअयोध्या जी की 84 कोसी परिक्रमा पद यात्रा
को बल पूर्वक रोकने का असफल प्रयत्न और अब संकल्प सभा को प्रतिबंधित किया जाना इसके
प्रत्यक्ष उदाहरण हैं। एक ओर सरकार हिन्दुओं को उनके धार्मिक मौलिक अधिकारों से वंचित
कर रही है वहीं दूसरी ओर मुजफ्फरनगर में हिन्दू-मुस्लिम वर्षों से शान्ति के साथ जीवन
यापन कर रहे थे, परन्तु सरकार द्वारा जेहादियों को खुली छूट देने के कारण मुजफ्फरनगर सहित उ0प्र0 मेें अब तक सैकड़ों दंगे
हो चुके हैं। वहां अशांति फैल गयी है और हिन्दू समाज अपने आपको असुरक्षित महसूस कर
रहा है। सरकार संतों को पदयात्रा करने तथा हिन्दू समाज को श्रीराम मंदिर निर्माण हेतु
आयोजित संकल्प सभा करने सेे रोकती है, लेकिन मुजफ्फरनगर में दंगाई को रोकने का कोई प्रयत्न
नहीं करती, इतना ही नहीं पकड़े गए जेहादियों को वर्ग विशेष के नाम पर छोड़ दिया जाता है। हिन्दू
समाज अब इसेे और सहन करने की स्थिति में नहीं है।
सम्पूर्ण देश श्रीराम भक्त
है अभी 13 दिसम्बर,
को विजयादशमी के दिन
रामलीलाओं में करोड़ों लोग एकत्र हुए, जिसमें यह दिखाई देता है कि लोग भगवान श्रीराम को आदर्श
के रूप में पूजते हैं। अतः रामलीला के दो दिन बाद ही आने वाली बाल्मीकि जयन्ति केे
अवसर पर पूज्य संतों द्वारा घोषित श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण संकल्प सभा पर प्रतिबंध
लगाना हिन्दू जनभावना को मर्माहत करने वाला कदम है। इन सभी कार्यकमों की घोषणा पूज्य
संतों द्वारा 6 माह से पूर्व ही कर दी गयी थी। संकल्प सभा का कार्यक्रम यथावत है और यह कार्यक्रम
अयोध्या, उ0प्र0 सहित सम्पूर्ण देेश में
एक लाख स्थानों पर तय की गई योजनानुसार सम्पन्न किया जाएगा। उ0प्र0 सरकार को चाहिए कि वह हिन्दू
समाज के इस कार्यक्रम में किसी प्रकार की बाधा न उत्पन्न करें।