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6.8.1947 – பிரஷாந்த் போலெ புதன்கிழமை, ஆகஸ்டு 6ம் நாள் எப்பொழுதும் போல் காந்திஜி அதிகாலையில் எழுந்து விட்டார். வெளியில் ஒரே இருட்டு. வாஹா அகதிகள் தங்கும் இடத்திற்கு அருகே காந்திஜி தங்கும் இடமும் இருந்தது. வாஹா என்பது பெரிய நகரம் இல்லை. சிறிய கிராமம். அகதிகள் தங்கும் இடத்திற்கு அருகே உள்ளே மாளிகையில் தங்கியிருந்தார். அகதிகள் வந்து போய்க்கொண்டிருந்ததால் சுற்றிலும் துர்நாற்றம் வீசியது. அதற்கு நடுவில் காந்திஜி தனது பிரார்த்தனையை […]

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वे पन्द्रह दिन (हिंदी) ७ अगस्त, १९४७ – प्रशांत पोळ गुरुवार. ७ अगस्त. देश भर के अनेक समाचारपत्रों में कल गांधीजी द्वारा भारत के राष्ट्रध्वज के बारे में लाहौर में दिए गए वक्तव्य को अच्छी खासी प्रसिद्धि मिली है. मुम्बई के ‘टाईम्स’ में इस बारे में विशेष समाचार है, जबकि […]

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वे पंद्रह दिन (हिंदी) ६ अगस्त, १९४७ – प्रशांत पोळ बुधवार… छह अगस्त. हमेशा की तरह गांधीजी तड़के ही उठ गए थे. बाहर अभी अंधेरा था. ‘वाह’ के शरणार्थी शिविर के निकट ही गांधीजी का पड़ाव भी था. वैसे तो ‘वाह’ कोई बड़ा शहर तो था नहीं. एक छोटा सा […]

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वे पंद्रह दिन (हिंदी) ५ अगस्त, १९४७ – प्रशांत पोळ आज अगस्त महीने की पांच तारीख… आकाश में बादल छाये हुये थे, लेकिन फिर भी थोड़ी ठण्ड महसूस हो रही थी. जम्मू से लाहौर जाते समय रावलपिन्डी का रास्ता अच्छा था, इसीलिए गांधीजी का काफिला पिण्डी मार्ग से लाहौर की […]

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वे पन्द्रह दिन – प्रशांत पोळ आज चार अगस्त… सोमवार. दिल्ली में वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन की दिनचर्या, रोज के मुकाबले जरा जल्दी प्रारम्भ हुई. दिल्ली का वातावरण उमस भरा था, बादल घिरे हुए थे, लेकिन बारिश नहीं हो रही थी. कुल मिलाकर पूरा वातावरण निराशाजनक और एक बेचैनी से भरा […]

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नेशनल मेडिकल कॉलेज कलकत्ता से डॉक्टरी की डिग्री और क्रांतिकारी संगठन अनुशीलन समिति में सक्रिय रहकर क्रांति का विधिवत प्रशिक्षण लेकर डॉक्टर हेडगेवार नागपुर लौट आए। स्थान-स्थान से नौकरी की पेशकश और विवाह के लिए आने वाले प्रस्तावों का तांता लग गया। डॉक्टर साहब ने बेबाक अपने परिवार वालों एवं […]