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वे पन्द्रह दिन – समापन  *१५ अगस्त के बाद…* – प्रशांत पोळ  भारत तो स्वतंत्र हो गया. विभाजित होकर..! परन्तु अब आगे क्या..? दुर्भाग्य से गांधीजी ने मुस्लिम लीग के बारे में जो मासूम सपने पाल रखे थे, वे टूट कर चूर चूर हो गए. *गांधीजी को लगता था, की […]

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सर्वांग स्वतंत्रता/सर्वांगीण विकास’ की ओर संघ के बढ़ते कदम नरेन्द्र सहगल 15 अगस्त 1947 को देश दो भागों में विभक्त हो गया। ‘इंडिया दैट इज भारत’ और ‘पाकिस्तान’। भारत को राजनीतिक स्वतंत्रता प्राप्त होने बाद गांधी जी ने ‘कांग्रेस का काम पूरा हो गया अब इसे समाप्त कर के एक […]

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वे पन्द्रह दिन  *१५ अगस्त, १९४७*  – प्रशांत पोळ  आज की रात तो भारत मानो सोया ही नहीं है. दिल्ली, मुम्बई, कलकत्ता, मद्रास, बंगलौर, लखनऊ, इंदौर, पटना, बड़ौदा, नागपुर… कितने नाम लिए जाएं. *कल रात से ही देश के कोने-कोने में उत्साह का वातावरण है.* इसीलिए इस पृष्ठभूमि को देखते […]

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‘खंडित भारत’ की ‘आधी अधूरी’ राजनीतिक स्वतंत्रता  नरेन्द्र सहगल  1942 में हुए ‘अंग्रेजों भारत छोड़ो’ आंदोलन को अपना पूर्ण समर्थन देने के साथ स्वातंत्र्य वीर सावरकर ने एक आशंका प्रकट करते हुए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को विशेषतया महात्मा गांधी जी को चेताया था‘‘भारत छोड़ो’ का अंत कहीं भारत तोड़ो न […]

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भारत छोड़ो आंदोलन’ में स्वयंसेवकों की अतुलनीय शहादतें  नरेन्द्र सहगल  संघ संस्थापक डॉक्टर हेडगेवार के देहावसान के बाद संघ के सभी अधिकारी एवं कार्यकर्ता अपने नये सरसंघचालक श्री गुरुजी के नेतृत्व में डॉक्टर जी द्वारा निर्धारित कार्य-विस्तार के लक्ष्य को पूरा करने हेतु परिश्रमपूर्वक जुट गए। श्रीगुरुजी एवं सहयोगी संघ […]

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ESTABLISHMENT OF SANGH FOR AN ULTIMATE PROSPEROUS NATION  After playing an active role in the activities of Indian National Congress accompanied with Anusheelan Samithi , many revolutionary groups ,different institutions, about 30 big to small councils /associations, newspapers, movements, sathiagrahas and gymnasiums and undergoing rigorous imprisonment for a period of […]

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अंतिम श्वास तक ‘अखंड भारत की पूर्ण स्वतंत्रता’ की चिंता नरेन्द्र सहगल भारतवर्ष की सर्वांग स्वतंत्रता के लिए चल रहे सभी आंदोलनों/संघर्षों पर डॉक्टर हेडगेवार की दृष्टि टिकी हुई थी, यही वजह रही कि डॉक्टर हेडगेवार ने अस्वस्थ रहते हुए भी अपनी पूरी ताकत संघ की शाखाओं में लाखों की संख्या में […]

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‘संघ शिविर’ में महात्मा गांधी के साथ डॉक्टर हेडगेवार की ऐतिहासिक भेंट नरेन्द्र सहगल 14 फरवरी 1930 को अपने दूसरे कारावास से मुक्त होकर डॉक्टर हेडगेवार ने पुनः सरसंघचालक का दायित्व सम्भाला और संघ कार्य को देशव्यापि स्वरूप देने के लिए दिन-रात जुट गए। अब डॉक्टर जी की शारीरिक, मानसिक […]